अजीब सी एक बात है नफरत की बुझती राख से अजीब सी एक बात है नफरत की बुझती राख से
बहुत कुछ बदल रहा है… लोग भी…रिश्ते भी बहुत कुछ बदल रहा है… लोग भी…रिश्ते भी
काफी अजीब सा है ये रिश्तों का सिलसिला, काफी अजीब सा है ये रिश्तों का सिलसिला,
बात है ऐसी, फिर भी कैसी। है ना अजीब बात, बात हो न जैसी। बात है ऐसी, फिर भी कैसी। है ना अजीब बात, बात हो न जैसी।
करूँ खुदा से बंदगी तेरी मेरी उम्र हो जाए तेरी। करूँ खुदा से बंदगी तेरी मेरी उम्र हो जाए तेरी।
उजाले और अंधेरे के संगम पर मजा ही मजा है। उजाले और अंधेरे के संगम पर मजा ही मजा है।